पिछले चार साल में शेयर बाजारों में पानी की तरह बहता रहा है धन...
चार साल में शेयर बाजारों में पानी की तरह बहता रहा है धन...
चार सौ गुना की बढ़ोतरी हुई है....भाजपा सरकार है या बनियों की सरकार..सोचिए....सरकार ने दावा किया था काले धन के प्रवाह को रोक दिया जाएगा...लेकिन बनियों के समर्थन पर बनी इस सरकार के आते ही नीतियों में बदलाव कर दिया गया। केवल चार साल में ही शेयर बाजार में दलालों की सक्रियता में उछाल आया और चार सौ गुना ज्यादा का निवेश शेयर बाजार में होने लगा। इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर ने रोजगार के अवसरों को उपलब्ध कराने की बजाय शेयर बाजार में निवेश करना ज्यादा मुफीद समझा....। देखिए शेयर बाजार के रिकॉर्ड क्या कहते हैं।
भाजपा सरकार की मदद से सटोरियों ने कारोबारियों और कॉर्पोरेट सेक्टर से 50 फीसदी रकम ज्यादा शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करा दी है। साल 2014-15 में सालाना टर्नओवर बढ़कर 556,06,453.39 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद शेयर बाजार में पानी की तरह धन का प्रवाह बढ़ने लगा। भाजपा सरकार के दौरान शेयर मार्केट में आई उछाल का राज क्या है। यह एनएसई की रिपोर्ट से पता चल जाएगा। एनएसई के फ्यूचर और ऑप्शन सेगमेंट की रिपोर्ट यहां पर दी जा रही है, जबकि बीएसई का कारोबार और धन प्रवाह के बारे में बाद में बताएंगे।
एनएसई अर्थात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एफ एड ओ सेगमेंट में अचानक से निवेश की बरसात होने लगी। साल 2014-15 में शेयर बाजार का सालाना टर्नओवर 556,06,453.39 करोड़ रुपये था। उसी साल लोकसभा के चुनाव हुए और सरकार बदल गई। भाजपा की सत्ता आते ही शेयर बाजारों में सटोरियों की संख्या अचानक से बढ़ने लगी। काला धन बड़े पैमाने पर शेयर मार्केट में लगने लगा। साल 2013-14 में सालाना कारोबार 382,11,408.05 करोड़ रुपये था, जो साल 2014-15 में ही दोगुना से भी ज्यादा हो गया।भाजपा सरकार के कार्यकाल में एनएसई के एफ एंड ओ सेगमेंट में साल 2015-16 में सालाना टर्नओवर 648,25,834.30 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की तुलना में यह लगभग 1.17 फीसदी ज्यादा था। इसके अगले साल 2016-17 सालाना टर्नओवर बढ़कर 943,70,301.61 करोड़ रुपये (लगभग 1.7 फीसदी) हो गया और साल 2017-18 में टर्नओवर में अचानक लगभग 3 फीसदी का इजाफा हुआ। तीन फीसदी ज्यादा धन का प्रवाह शेयर मार्केट में किया गया। एनएसई के एफ एंड ओ सेगमेंट में निवेशकों ने पिछले साल 1649,84,859.05 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर किया था। चालू वित्त वर्ष 2018-19 में सालाना टर्नओवर अब तक 1790,32,665.82 करोड़ रुपये हो गया है। इस साल लगभग 3.3 फीसदी अधिक धन का प्रवाह हुआ है। केवल चार साल में ही निवेशकों और कॉर्पोरेट सेक्टर व सटोरियों की रकम साढ़े तीन गुना शेयर मार्केट में लगने लगी है। सबका साथ तो चाहिए सरकार को लेकिन विकास किसका हो रहा है, यह बात समझ में आ जानी चाहिए।
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