सीवर में सफाईकर्मी की मौत

सीवर में सफाईकर्मी की मौत 




सीवर में सफाईकर्मी की मौत
से भी मन नहीं भर्राता है अब
शहर में रहनेवाला नर पशु
का संबंध तो बस सफाई से है
डूमन राय हो या फिर कोई कांबले
शहर की सफाई होनी है, करनी ही होगी

बजबजाते सीवर के किनारे खड़ा
मुंछों पर ताव देता ठेकेदार
भी तो घबराता है शायद
इसीलिए भड़ास भी निकालेगा
डूमन राय हो या फिर कोई कांबले
हर किसी पर बरसाएगा क्रोध ज्वाला

हर शहर के हर मोहल्‍ले में
बहनेवाली नाली औ गटर के पास
खड़ा होता है एक बेबस लाचार
सीवर में उतरनेवाला इंसान
राय या कांबले को जानना जरूरी तो नहीं
जरूरी है सफाई, सफाई होनी चाहिए

हर सीवर के पास जो खड़ा है नंगे पैर
तपती सड़क पर बजबजाते सीवर के पास
गंदगी जो उसने नहीं फैलाई, मगर फिर भी
उतरना ही होगा उसे नंगे बदन ही
मटमैले गंदे पानी के जानलेवा सीवर में
क्योंकि सफाई जरूरी है, करनी ही होगी

वह नहीं उतरेगा तो उसकी जगह
कोई दूसरा राय या कांबले खड़ा है
इसी बेबसी और छटपटाहट के साथ
कंधे पर लाद परिवार की भारी गठरी
वह उतरता है जानलेवा बजबजाते
सीवर में शायद आखिरी बार के लिए

रोज एक नया डूमन और कांबले
बजबजाते सीवर में उतर जाते हैं
और थोड़ी देर में निकलती हैं उनकी
कीचड़ से सनी लाशें, हाथ खुले हुए
और जिम्मेदारी की गठरी से मुक्त
ऐंठे बदन और भिंची मुट्ठियों के साथ

सीवर की जहरीली गैस से शहर
में हुई है फिर एक मौत आज
अखबार के किसी कोने में छपी खबर
भी तो रह जाती है बिना पढ़ी ही
फिर पन्ने बदल जाते हैं और
सीवर में उतरते हैं नए कांबले और राय

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