सरकारी फाइलों में मौत फंसी है झमेलों में

 सरकारी फाइलों में मौत 

                        फंसी है झमेलों में 

सरकारी फाइलों में देखो तो मौत भी
फंसी है पात्र और अपात्र के झमेलों में
चुनकर भेजी गई सरकार के नुमाइंदे
करते हैं कैसे कैसे अजूबे फैसले

सरकारी फाइलों में अनगिनत लाशें आज
भी राह देखते पड़ी है मुआवजों के फेरे में
चुनकर भेजी गई सरकारों के नुमाइंदे
देखो करते हैं कैसे कैसे अजूबे फैसले

किसान अन्नदाता भी कहते हैं जिसे
पाई पाई के लिए मुहताज खड़ा है
सिसक रही हैं फसलें तैयार खेतों में
घुटती हैं सिसकियां फाइलों के ढेरों में

चुनकर भेजी गई सरकारों के नुमाइंदे
बनकर दलाल खड़े हैं बांधे हाथ अपने
कॉर्पोरेट चंद अमीरों के तहखाने में
कैद हैं लक्ष्मी भी हरे हरे नोटों में

साल भर में 781 किसान मरे हैं अब तक
मौत उनकी भी होगी अब जांच के घेरे में
सरकार ने कहा 483 मौत ही हैं असली
साबित करो कि मरे हो मौत से अपनी

मरना भी अब गुनाह हो गया है जैसे
जब मौत ही खड़ी हो गई कटघरे में
चुनकर भेजी गई सरकारों के नुमाइंदे
फिर भी सेंकते हैं रोटी शवों के जलाने से

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