भारत में न्याय की देवी का नाम क्या है...
भारत में न्याय की देवी का नाम क्या है... बचपन से ही पढ़ते और सुनते आ रहे हैं - न्याय में असमानता न हो इसलिए वे आँख पर पट्टी बाँधकर ही न्याय तौलती हैं। लेकिन तराजू का पलड़ा सम है- यह कैसे पता चल पाता होगा उन्हें। आंखें तो बंद हैं न्याय तौलनेवाली पत्थर की देवी के। तो फिर केवल बयान, तर्क वितर्क सुनकर ही निर्णय कैसे हो सकेगा न्याय का। झूठ का पलड़ा भारी ही रहता है, तो फिर सच कैसे मजबूत होगा। प्रयास को सफलता मिलेगी कैसे? यह देखने सुनने के बाद भी न्याय अन्याय का फैसला कैसे किया जा सकता है? कानून और कचहरी का जब भी जिक्र होता है, हमारे आंखों के सामने सफेद धवल न्याय की देवी की एक मूरत सामने होती है। साथ ही दिखाई देती है – मूरत की आँखों पर बंधी काली पट्टी, एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार धारी देवी की मोहक छवि। लेकिन भारत में न्याय की देवी का नाम क्या है, यह कोई नही जानता। आँखों पर पट्टी का मतलब है सब को एक जैसा मानना, निष्पक्षता का पालन करना। तराजू का मतलब है किसी भी विषय या व्यक्ति के गुण दोष को तौलना और फिर निर्णय देना। दूसरे देवी के हा...